मुक्तक
जीने के होड़ में मर जाते हैं लोग
खुदी की लाश लिए
खुदी में उम्र भर जी जाते हैं लोग
~ सिद्धार्थ
2.
गवाही दो कि तुम चुप बैठे थे, जब
नौनिहालों के सर से बाप का साया उठ रहा था
गवाही दो कि राम के नाम पे अब्दुल मारा जा रहा था
~ सिद्धार्थ
3.
पैने धर्म के हथियार है सत्ता के हाथों में…
आग छुपी है उनकी चिकनी चुपड़ी बातों में
~ सिद्धार्थ