मुक्तक
१.
तबाही हमारी लेकर आये हो पर तुम अपनी मान से गए
आग हमने भी फेंका है क्या हुआ जो हम भी जान से गए।
~ सिद्धार्थ
२.
तबाही हमारी लेकर आये हो पर तुम अपनी मान से गए
आग हमने भी फेंका है क्या हुआ जो हम भी जान से गए।
~ सिद्धार्थ
र्थ
१.
तबाही हमारी लेकर आये हो पर तुम अपनी मान से गए
आग हमने भी फेंका है क्या हुआ जो हम भी जान से गए।
~ सिद्धार्थ
२.
तबाही हमारी लेकर आये हो पर तुम अपनी मान से गए
आग हमने भी फेंका है क्या हुआ जो हम भी जान से गए।
~ सिद्धार्थ
र्थ