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22 Aug 2019 · 1 min read

मुक्तक= माँ के लिए

मुक्तक= माँ के लिए

1) जिसने हर दुख सहा लेकिन सुखों का भान ना किया,
जिसने संतान की खातिर स्वयं का ध्यान ना किया,
जिसने जीवन संवारा लाल का अपनी खुशी देकर,
उसी बेटे ने माता का कहीं सम्मान ना किया ||

2) कि मैं कैसे चुकाऊंगा बहुत उपकार है तेरे,
कि तू बनकर दुआओं से यूं हर पल साथ है मेरे,
अंधेरे में तो खुद परछाई भी संग छोड़ देती है,
वो मेरी माँ है जो शमशान तक भी साथ है मेरे ||

3) मेरे मौला मेरे भगवन एक फरियाद कहता हूं,
तेरी शरण में आया हुँ जो है वो याद कहता हूं,
मेरे भगवन मैं तुमसे मांगता माफी क्षमा करना,
मैं तेरा नाम माँ के नाम के ही बाद कहता हूं ||

Language: Hindi
2 Likes · 258 Views
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