#मीठी सेवैयाँ
🙏 जो क्षण में कही जाए, क्षण में सुनी जाए और क्षण में ही समझी भी जाए, ऐसी कविता को ‘क्षणिका’ कहेंगे।
ऐसी ही ‘क्षणिका’ प्रस्तुत है , ‘ मीठी सेवैयाँ ‘।
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★ #मीठी सेवैयाँ ★
दीवारें खुश हैं
नाच रहा आँगन
मुंडेर पे कागा बोल रहा है
रसोई के बर्तन
गृहिणी के हाथों हो रहे वाचाल से
बेटी लौट रही ससुराल से
नन्हे फुदकते छौने आज
बंधकर के आज़ाद भी हैं
अजी सुनती हो !
साथ में आ रहे दामाद जी हैं
मीठी सेवैयाँ बनाना . . . !
#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०-१७३१२