मिलने को तरसते हैं
दूर हो , तो बात हो भी जाती है,
जब पास होते हो, तो दूरी सी लगती है,
दिल मे तो, रहते हो तुम,
मगर नयन तरसते है ,बाट सजोते,
यह कैसी चाहत है , जो मिलने भी नही देती,
तेरी कसम, याद आने पर रोने भी नही देती ….
उमेंद्र कुमार
दूर हो , तो बात हो भी जाती है,
जब पास होते हो, तो दूरी सी लगती है,
दिल मे तो, रहते हो तुम,
मगर नयन तरसते है ,बाट सजोते,
यह कैसी चाहत है , जो मिलने भी नही देती,
तेरी कसम, याद आने पर रोने भी नही देती ….
उमेंद्र कुमार