” मित्रता का मोल “
डॉ लक्ष्मण झा”परिमल ”
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हम टाइम लाइन
पर अपना ही
गुणगान करते हैं
नेताओं के बीच अपनी
फ़ोटो खिचवातें हैं
रह-रहकर अपनी बातों से
लोगों को भरमाते हैं !!
पर है कहाँ फुर्सत
लोगों की बातों को सुनने का
पढ़ने का
उनके विचारों को परखने का
और अपनी प्रतिक्रियाओं से
मंत्रमुग्ध कर देने का ?…
हमें तो चाह रहती है कि
मेरे ‘जन्म दिनों ‘ को
लोग याद रखें
मेरी ‘शादी के सालगिरह ‘
के तिथि को ना भूलें
…पर हमें औरों से क्या?
हमने तो अपने मित्रों की
एक टोली बना रखी है
कहने को हमारे साथी अनेक हैं
पर हमारे ह्रदय में
वर्फ की एक सिल्ली पड़ी है !!
चाह है यदि सबसे जुड़ने का
अटूट मित्रता में बंधने का
करो सम्मान तुम भी
सभी के लेखनी का !!
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डॉ लक्ष्मण झा”परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका