** मिठास **
ना जाने तेरी जुबां पे
ये मिठास कहां से आती है
मिश्री घोल दे दिलों में
खरास कहां रह जाती है
ये हुनर सीखा कहां से तुमने
तेरी याद आती है
देखता हूं जिधर भी
आँखों में खालीपन-उदासी है ।
एक बार आकर तो बतलादे
ये मिठास किस दुकां से
बिन मोल लाती है।।
जहर घोला है पैमानों में शाकी ने
जीये तो कैसे न विश्वास बाकी है
अब तो जीना बाकी है ना मरना
अब ना शराब है ना शाकी है ।
?मधुप बैरागी