मिटा दो मन से
मिटा दो मन से
शंकाएं, उलझन, संशय सभी
बढ़ चलो नवजीवन की ओर |
पुष्पित करो नई राहें , नए विचार
बढ़ चलो मंजिल की ओर |
क्यूं कर असफल हो जाए
कोशिशों का कारवाँ
बुलंद हौसलों के साथ
बढ़ चलो लक्ष्य की ओर |
क्यूं कर बिखर जाएँ सपने
आत्मविश्वास को कर धरोहर
बढ़ चलो दूर आसमां की ओर |
क्यूं कर कदम लड़खड़ाने लगें
खुद पर कर भरोसा
बढ़ चलो मंजिल की ओर |
क्यों कर बिखर जाएँ आस के मोती
अपने सपनों को परवान चढ़ा
बढ़ चलो दूर गगन की ओर |
क्यूं कर डर जाएँ मुश्किलों से, तूफानों से
करें रोशन एक नया आसमां , अपने प्रयासों से |
क्यूं कर दिशाहीन हो जाएँ कदम
खुद को कर प्रफुल्लित
चीर तूफानों का सीना
बढ़ चलो मंजिल की ओर |