Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Oct 2021 · 1 min read

” मायूस धरती “

आंचल में मैंने तुम्हे खिलाया
बारिश का निर्मल जल पिलाया
आशियाना बनाने को दिया स्थान
बरसाया मैंने तुम सब पर दुलार,
फल खाकर मेरे मिटाई भूख
प्राकृतिक छटा से मन विभोर किया
लेकिन नहीं समझा तूं महता मेरी
आज खड़ी मैं पतन की कगार,
क्यों चीर रहा है नर तूं सीना मेरा
क्षिण बना प्रफुल्लित जीवन सारा
धरती मां से बनी मायूस धरती
कराह कर दर्द से मैं भरूं हूंकार,
तन मेरे का कर दिया पोस्टमार्टम
ज़हरीला धुंआ बना प्रदूषण का
तंग होकर मैं इंसाफ मांगू तुझसे
सुनले नर तूं मेरी दर्दनीय पुकार।

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 748 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Meenu Poonia
View all
You may also like:
"रंग भर जाऊँ"
Dr. Kishan tandon kranti
सामाजिक कविता: बर्फ पिघलती है तो पिघल जाने दो,
सामाजिक कविता: बर्फ पिघलती है तो पिघल जाने दो,
Rajesh Kumar Arjun
मैं और मेरी फितरत
मैं और मेरी फितरत
लक्ष्मी सिंह
दिल सचमुच आनंदी मीर बना।
दिल सचमुच आनंदी मीर बना।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
*वो बीता हुआ दौर नजर आता है*(जेल से)
*वो बीता हुआ दौर नजर आता है*(जेल से)
Dushyant Kumar
White patches
White patches
Buddha Prakash
राम की आराधना
राम की आराधना
surenderpal vaidya
बीज और विचित्रताओं पर कुछ बात
बीज और विचित्रताओं पर कुछ बात
Dr MusafiR BaithA
* हर परिस्थिति को निजी अनुसार कर लो(हिंदी गजल/गीतिका)*
* हर परिस्थिति को निजी अनुसार कर लो(हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
प्रेम
प्रेम
पंकज कुमार कर्ण
వీరుల స్వాత్యంత్ర అమృత మహోత్సవం
వీరుల స్వాత్యంత్ర అమృత మహోత్సవం
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
मनहरण घनाक्षरी
मनहरण घनाक्षरी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बेटियां
बेटियां
Manu Vashistha
जय भोलेनाथ ।
जय भोलेनाथ ।
Anil Mishra Prahari
फितरत
फितरत
Dr.Khedu Bharti
पिछले 4 5 सालों से कुछ चीजें बिना बताए आ रही है
पिछले 4 5 सालों से कुछ चीजें बिना बताए आ रही है
Paras Mishra
■एक_ग़ज़ल_ऐसी_भी...
■एक_ग़ज़ल_ऐसी_भी...
*Author प्रणय प्रभात*
रास्ते जिंदगी के हंसते हंसते कट जाएंगे
रास्ते जिंदगी के हंसते हंसते कट जाएंगे
कवि दीपक बवेजा
यूं ही नहीं हमने नज़र आपसे फेर ली हैं,
यूं ही नहीं हमने नज़र आपसे फेर ली हैं,
ओसमणी साहू 'ओश'
मुख्तशर सी जिन्दगी हैं,,,
मुख्तशर सी जिन्दगी हैं,,,
Taj Mohammad
ज़िंदगी मेरी दर्द की सुनामी बनकर उभरी है
ज़िंदगी मेरी दर्द की सुनामी बनकर उभरी है
Bhupendra Rawat
मजदूर हैं हम मजबूर नहीं
मजदूर हैं हम मजबूर नहीं
नेताम आर सी
पुलवामा शहीद दिवस
पुलवामा शहीद दिवस
Ram Krishan Rastogi
याद हो बस तुझे
याद हो बस तुझे
Dr fauzia Naseem shad
क्या कहा, मेरी तरह जीने की हसरत है तुम्हे
क्या कहा, मेरी तरह जीने की हसरत है तुम्हे
Vishal babu (vishu)
अपनी इबादत पर गुरूर मत करना.......
अपनी इबादत पर गुरूर मत करना.......
shabina. Naaz
अनकही दोस्ती
अनकही दोस्ती
राजेश बन्छोर
मोहब्बत तो आज भी
मोहब्बत तो आज भी
हिमांशु Kulshrestha
*ये उन दिनो की बात है*
*ये उन दिनो की बात है*
Shashi kala vyas
करगिल विजय दिवस
करगिल विजय दिवस
Neeraj Agarwal
Loading...