मायके से लौटा मन
मायके से लौटा मन
कमरे की चीजों को
समेटना नहीं चाहता
रसोई के बर्तनों पर
जमी धूल
पोंछना नहीं चाहता
बेतरतीब हुआ
पूरा घर
सहेजना नहीं चाहता,
बस
कुछ देर
चुप होकर
चाहता है बैठना
एक कप चाय के साथ
एक उदास चित्रकार की
उदास कृति सा लगता है,,
मायके से लौटा मन !!