मापदंड
मापदंड
रख दी गिरवी
नैतिकता
अपने अल्प लाभार्थ
नहीं चूकते
वतन को
बड़ा नुकसान
पहुंचाने से
काट रहे हैं
उसी डाल को
जिस पर बैठे हैं
होकर अनभिज्ञ
संभावित खतरों से
इतने आत्मघाती
नहीं होते कदापि
अन्य प्राणी
फिर भी कहलाते हैं
स्वयंभू सभ्य
सभ्यता के मापदंड
हो गए विलुप्त
आपाधापी की
धकमपेल में
-विनोद सिल्ला©