माधुर्य
माधुर्य
मात्रा भार 22
मापनी 8/8/6
जीवन धारा,निर्मल प्यारा,हो तारा।
मन उत्साहित,हो आराधित,जग सारा।।
जीवन उत्सव,प्रेम महोत्सव,शुभकारी।
जीवन चन्दन,हो आनंदन,गुणकारी।।
हो मन मलयज,जिमि श्याम सहज,हितरागी।
दिल श्रद्धामय,प्रियतम शिवमय,अनुरागी।।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।