– माता -पिता की सेवा करो सेवा का बटवारा मत करो –
– माता- पिता की सेवा करो सेवा का बटवारा मत करो –
धन का बटवारा करने को आतुर,
कल तक थे जो माता पिता के लाल,
वही बाल – गोपाल आज बटवारे की बात पर आ गए,
बटवारे में भी धन के साथ मां बाप की सेवा का बटवारा करा गए,
तीन बेटे किसी माता पिता के ,
बारह महीने की सेवा तीन भागों में बटा गए,
चार – चार महीने सभी करेंगे सेवा वो बतला गए,
उनके घर का था जो निजी मामला वो पंचायत में ला गए,
पंच से बटवारे की आस में तीनो बेटे पंचायत में आ गए,
सुनकर बेटो की बात सेवा के बटवारे की पिता यू झल्ला कर बोला,
तुम तीनो बारी बारी से मेरी सेवा को आ जाना,
बाकी के दिनों का अपने जीवन यापन का प्रबंध तुम कर जाना,
ऐसा सुनकर पिता के मुख से सबको साप ने मानो हो जैसे डस लिया,
पंच भी अपनी पंचायत में अवाक सा रह गया,
बोला पिता तुम क्या करते हो बटवारा ,
मेरी दौलत है में बटवारा करूंगा,
जब भी तुम्हारा नंबर आए तब बारी बारी से सेवा में आ जाना,
सेवा खत्म होने पर मेरी नजर से दफा तुम हो जाना,
कहता है भरत आप सभी से न ही करो धन का बटवारा न करो कभी मन का बटवारा,
गहलोत माता – पिता की सेवा करो सेवा का बटवारा मत करो,
✍️✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क सूत्र -7742016184-