माटी कहे पुकार
हम भी माटी तुम भी माटी, माटी सब संसार
माटी से सब बने चराचर, माटी कहे पुकार
सदा प्रेम से रहना बंदे, करना धरा श्रंगार
हम भी माटी तुम भी माटी, माटी सब संसार
माटी से सब बने चराचर माटी कहे पुकार
हम भी पानी तुम भी पानी, पानी सब संसार
पानी से जीवन है जग में, पानी कहे पुकार
सदा प्रेम से रखना मुझको, मत करना बेकार
हम भी पानी तुम भी पानी, पानी सब संसार
हम आकाश अग्नि पवन हैं, तुम में भी है सबका बास नहीं कभी प्रदूषित करना, ध्यान ये रखना खास पंचतत्व की सृष्टि में है, जीवन का है सब में बास
हम भी माटी तुम भी माटी, माटी सब संसार
माटी से सब बने चराचर, माटी कहे पुकार
(स्वरचित)
सुरेश कुमार चतुर्वेदी