माज़ी
इंसान का जल्दबाजी और नादानी ,में
उठाया एक कदम सारी जिंदगी पर भारी पड़ता है ।
उस एक नुकसान पर बरबाद हुए वो सुहाने दिन,
जिनके लिए सारी उम्र रोना पड़ता है।
कोई हमसे पूछे की क्यों देखते हैं हम अपने ,
माजी को पलट पलट कर ?
क्योंकि हमारे आज से हमें कुछ हासिल नहीं हुआ है ।
इसीलिए याद में उसकी अब भी तड़पना पड़ता है।