Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Mar 2023 · 1 min read

मां सिद्धिदात्री

मां सिद्धिदात्री

नवरात्रि के नवम दिवस, मां सिद्धिदात्री को नमन करें
करें प्रार्थना हम सब माता, सबके कार्य सिद्ध करें
अष्ट सिद्धि मां के चरणों में, नित सेवा में रहती है
पाते हैं सब भक्त सभी, मां सब भक्तों को देती है
मां सिद्ध करो मनोरथ सबके, सद कार्यों में हमें लगाओ
धन धान्य के भरो भंडारे, सबकी झोली भर जाओ
सब को नवरात्रि शुभ हो, हृदय सभी के बस जाओ
नव प्रकाश भरो इस जग में, सुख शांति सभी को दे जाओ
कर्म सिद्धि हो जाए सभी को, ऐसी कृपा बरसाओ
सुखी रहे सारी सृष्टि, ऐंसी जोत जलाओ
जय माता दी

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

313 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all

You may also like these posts

उनको मंजिल कहाँ नसीब
उनको मंजिल कहाँ नसीब
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
- तुम बिन यह जिंदगी बेरंग हो गई है -
- तुम बिन यह जिंदगी बेरंग हो गई है -
bharat gehlot
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
‌सोच हमारी अपनी होती हैं।
‌सोच हमारी अपनी होती हैं।
Neeraj Agarwal
प्यार भरा इतवार
प्यार भरा इतवार
Manju Singh
क्यों हवाओं को दोष देते हो
क्यों हवाओं को दोष देते हो
Suryakant Dwivedi
4682.*पूर्णिका*
4682.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" रफूगर "
Dr. Kishan tandon kranti
हर दिल गया जब इस क़दर गुनहगार हो
हर दिल गया जब इस क़दर गुनहगार हो
Ahtesham Ahmad
कुण्डलिया
कुण्डलिया
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
चलो दो हाथ एक कर ले
चलो दो हाथ एक कर ले
Sûrëkhâ
सत्य की खोज
सत्य की खोज
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जीवन बहुत कठिन है लेकिन तुमको जीना होगा ,
जीवन बहुत कठिन है लेकिन तुमको जीना होगा ,
Manju sagar
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
यदि हम कोई भी कार्य खुशी पूर्वक करते हैं फिर हमें परिणाम का
यदि हम कोई भी कार्य खुशी पूर्वक करते हैं फिर हमें परिणाम का
Ravikesh Jha
"किसी ने सच ही कहा है"
Ajit Kumar "Karn"
माँ मैथिली आओर विश्वक प्राण मैथिली --- रामइकबाल सिंह 'राकेश'
माँ मैथिली आओर विश्वक प्राण मैथिली --- रामइकबाल सिंह 'राकेश'
श्रीहर्ष आचार्य
अच्छाई
अच्छाई
Ritu Asooja
दोहा पंचक. . . . . आभार
दोहा पंचक. . . . . आभार
sushil sarna
कहने को बाकी क्या रह गया
कहने को बाकी क्या रह गया
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
वैज्ञानिक युग और धर्म का बोलबाला/ आनंद प्रवीण
वैज्ञानिक युग और धर्म का बोलबाला/ आनंद प्रवीण
आनंद प्रवीण
कहते है ये
कहते है ये
manjula chauhan
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀 *वार्णिक छंद।*
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀 *वार्णिक छंद।*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
खेल
खेल
*प्रणय*
कितने आसान थे सम्झने में
कितने आसान थे सम्झने में
Dr fauzia Naseem shad
काश !!..
काश !!..
ओनिका सेतिया 'अनु '
सच और झूठ की लड़ाई
सच और झूठ की लड़ाई
Minal Aggarwal
जिन्दगी में बरताव हर तरह से होगा, तुम अपने संस्कारों पर अड़े
जिन्दगी में बरताव हर तरह से होगा, तुम अपने संस्कारों पर अड़े
Lokesh Sharma
जज़्ब करना
जज़्ब करना
Chitra Bisht
देख कर चल मेरे भाई
देख कर चल मेरे भाई
Radha Bablu mishra
Loading...