माँ का नहीं है कोई विकल्प
बिन माँ का रोता है नन्हा बच्चा
जब माँ की याद देती है रुला।
रात आती है मां की लोरी लेकर
निंदिया की गोदी में जाती है सुला।
माँ है सबसे अहम जहान में
माँ का नहीं है कोई विकल्प।
माँ के प्यार से नहीं मुकाबला
कोई भी प्यार ज्यादा करे या अल्प।
–रंजना माथुर दिनांक 10/10/2017
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
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