Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 May 2017 · 1 min read

महोब्बत…………….. हो गयी है |गीत| “मनोज कुमार”

महोब्बत हो गयी है हो गयी है हो गयी है
कसम से यार जानेमन महोब्बत हो गयी है
तुम्हीं से यार बेइन्तहा महोब्बत हो गयी है
महोब्बत हो गयी है हो गयी है हो गयी है

महोब्बत…………………………………………… हो गयी है

सनम बारिश की वो बूँदें जो तेरे गाल छूती हैं
मेरा वो दिल जलाती हैं मुझे पागल समझती हैं
माना आवारा हूँ लेकिन तेरे हूँ प्यार का मारा
मुद्दतों से नही सोया तेरे हर ख्वाब में जागा
हवा बहने लगी है प्यार की कली खिल गयी है
फलक को फिर जमीं से अब महोब्बत हो गयी है

महोब्बत…………………………………………… हो गयी है

मुझे जुल्फों के साये में छुपा ले धूप से कोई
मुझे बैचेन करती है नजर मदहोश सी वो ही
बड़ा व्याकुल है दिल मेरा अभी बाँहों में आ जाओ
मीठी सी प्रेम की बातें मेरे कानो में कह जाओ
जरा तुम उनसे मिलने दो शरारत हो गयी है
अभी तुम वक्त ठहर जाओ महोब्बत हो गयी है

महोब्बत…………………………………………… हो गयी है

झिझक तुम छोड़ दो सारी अभी इजहार तुम कर दो
कहीं फिर देर ना हो तुम सभी तकरार को तज दो
अभी है प्यार का मौसम यही उमर है प्यार की
क बन्धन टूट जायेंगे चलो तो राह प्यार की
तेरी जालिम अदाओं से खता अब हो गयी है
छुपो ना अजनबी बनके महोब्बत हो गयी है

“मनोज कुमार”

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 276 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुझे वो एक शख्स चाहिये ओर उसके अलावा मुझे ओर किसी का होना भी
मुझे वो एक शख्स चाहिये ओर उसके अलावा मुझे ओर किसी का होना भी
yuvraj gautam
तुम ही तुम हो
तुम ही तुम हो
मानक लाल मनु
चौमासा विरहा
चौमासा विरहा
लक्ष्मी सिंह
अस्मिता
अस्मिता
Shyam Sundar Subramanian
सज़ा तुमको तो मिलेगी
सज़ा तुमको तो मिलेगी
gurudeenverma198
याद आते हैं वो
याद आते हैं वो
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
‘ विरोधरस ‘ [ शोध-प्रबन्ध ] विचारप्रधान कविता का रसात्मक समाधान +लेखक - रमेशराज
‘ विरोधरस ‘ [ शोध-प्रबन्ध ] विचारप्रधान कविता का रसात्मक समाधान +लेखक - रमेशराज
कवि रमेशराज
किस किस से बचाऊं तुम्हें मैं,
किस किस से बचाऊं तुम्हें मैं,
Vishal babu (vishu)
मेरा कान्हा जो मुझसे जुदा हो गया
मेरा कान्हा जो मुझसे जुदा हो गया
कृष्णकांत गुर्जर
2287.
2287.
Dr.Khedu Bharti
💐प्रेम कौतुक-453💐
💐प्रेम कौतुक-453💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कागज़ ए जिंदगी
कागज़ ए जिंदगी
Neeraj Agarwal
चाँद खिलौना
चाँद खिलौना
SHAILESH MOHAN
*गुरु जी की मक्खनबाजी (हास्य व्यंग्य)*
*गुरु जी की मक्खनबाजी (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
मौत की आड़ में
मौत की आड़ में
Dr fauzia Naseem shad
सोशल मीडिया का दौर
सोशल मीडिया का दौर
Shekhar Chandra Mitra
स्वप्न बेचकर  सभी का
स्वप्न बेचकर सभी का
महेश चन्द्र त्रिपाठी
■ आखिरकार ■
■ आखिरकार ■
*Author प्रणय प्रभात*
अर्थ नीड़ पर दर्द के,
अर्थ नीड़ पर दर्द के,
sushil sarna
सौभाग्य मिले
सौभाग्य मिले
Pratibha Pandey
जिंदगी एक चादर है
जिंदगी एक चादर है
Ram Krishan Rastogi
"काल-कोठरी"
Dr. Kishan tandon kranti
*रक्तदान*
*रक्तदान*
Dushyant Kumar
ख़्वाब ख़्वाब ही रह गया,
ख़्वाब ख़्वाब ही रह गया,
अजहर अली (An Explorer of Life)
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं।
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं।
Shashi Dhar Kumar
ये कटेगा
ये कटेगा
शेखर सिंह
सांसे केवल आपके जीवित होने की सूचक है जबकि तुम्हारे स्वर्णिम
सांसे केवल आपके जीवित होने की सूचक है जबकि तुम्हारे स्वर्णिम
Rj Anand Prajapati
सुबह का खास महत्व
सुबह का खास महत्व
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
दीपों की माला
दीपों की माला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कच्ची उम्र के बच्चों तुम इश्क में मत पड़ना
कच्ची उम्र के बच्चों तुम इश्क में मत पड़ना
कवि दीपक बवेजा
Loading...