Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Oct 2021 · 1 min read

महालय शुभ / अशुभ

महालय शुभ / अशुभ

ऐसा लगता है कि कुछ लोगो का एक ही विचारधारा में हैं कि महालय शुभ नहीं है क्योंकि उस दिन तर्पण किया जाता है।

तर्पण क्या है : हमारे मृत पूर्वजों को हमें इस धरती पर रहने के लिए उन्हें नमन एवं धन्यवाद और हमारी भेंट उनके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना है।

संक्षेप में, यह उन्हें याद करने और उनकी भलाई के लिए प्रार्थना करने के लिए पूर्वजों के दिन की तरह है, यानि Ansestors Day. हम हिंदुओं का मानना ​​​​है कि आत्मा अनन्त है और उनके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं।

यह महालय दोहरा शुभ दिन है।

1. पूर्वजों का दिन ; भेंट और प्रार्थना के साथ।

2. बच्चों के साथ मां दुर्गा की ससुराल से पृथ्वी यात्रा। इसी लिए हम देवी को उस दिन पृथ्वी यात्रा का आहन चंडी पाठ द्वारा करते है।

भर्मित दृष्टि से लिप्त है आप लोग . कियू की तर्पण को आप श्राद्ध से तुलना कर रहें है.

निकट और प्रिय की मृत्य के बाद पितृपक्ष के साथ श्राद्ध समारोह के रूप में भ्रमित।

श्राद्ध जहां हम 13 15 दिनों में मृत्य की आत्मा को पृथ्वी से स्वर्गीय घर जाने के लिए अनुष्ठान करते हैं।
पितृपक्ष मे हम, हमारे पूर्वजों को उनके शांति एवं हमें आशीर्वाद के लिए अहान करते है

सभी विश्वास सत्य नहीं हैं, जब तक कि उनका शोध कर बोध न कर लें।
तब तक वह अंध विश्वास होता है।

सर्वलौकिक मन्दाकिनी आदर्श दर्शन
ज्ञानम बहुशोभिनियम
Knowledge is the most beautiful of all.
We worship Knowledge.
Guneshwer.tapodharma@gmail.com

यह मेरी आध्यात्मिक संस्था है

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 3 Comments · 565 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
23/194. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/194. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
💐प्रेम कौतुक-381💐
💐प्रेम कौतुक-381💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
खुद को परोस कर..मैं खुद को खा गया
खुद को परोस कर..मैं खुद को खा गया
सिद्धार्थ गोरखपुरी
आज इस सूने हृदय में....
आज इस सूने हृदय में....
डॉ.सीमा अग्रवाल
ओ! मेरी प्रेयसी
ओ! मेरी प्रेयसी
SATPAL CHAUHAN
*अक्षय धन किसको कहें, अक्षय का क्या अर्थ (कुंडलिया)*
*अक्षय धन किसको कहें, अक्षय का क्या अर्थ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
फ़साने
फ़साने
अखिलेश 'अखिल'
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जिसे मैं ने चाहा हद से ज्यादा,
जिसे मैं ने चाहा हद से ज्यादा,
Sandeep Mishra
"अजातशत्रु"
Dr. Kishan tandon kranti
छेड़ता है मुझको यशोदा मैया
छेड़ता है मुझको यशोदा मैया
gurudeenverma198
उसे पता है मुझे तैरना नहीं आता,
उसे पता है मुझे तैरना नहीं आता,
Vishal babu (vishu)
बचपन और गांव
बचपन और गांव
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
" है वही सुरमा इस जग में ।
Shubham Pandey (S P)
Hajipur
Hajipur
Hajipur
मित्रता
मित्रता
Shashi kala vyas
★मृदा में मेरी आस ★
★मृदा में मेरी आस ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
आत्मा की आवाज
आत्मा की आवाज
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
इल्म
इल्म
Utkarsh Dubey “Kokil”
सोचो
सोचो
Dinesh Kumar Gangwar
धरी नहीं है धरा
धरी नहीं है धरा
महेश चन्द्र त्रिपाठी
कस्तूरी इत्र
कस्तूरी इत्र
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
पुष्प
पुष्प
Dhirendra Singh
बुध्द गीत
बुध्द गीत
Buddha Prakash
'मेरे बिना'
'मेरे बिना'
नेहा आज़ाद
शब्द-वीणा ( समीक्षा)
शब्द-वीणा ( समीक्षा)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
लोगों को सफलता मिलने पर खुशी मनाना जितना महत्वपूर्ण लगता है,
लोगों को सफलता मिलने पर खुशी मनाना जितना महत्वपूर्ण लगता है,
Paras Nath Jha
■ आज का शेर
■ आज का शेर
*Author प्रणय प्रभात*
आज खुश हे तु इतना, तेरी खुशियों में
आज खुश हे तु इतना, तेरी खुशियों में
Swami Ganganiya
" नारी का दुख भरा जीवन "
Surya Barman
Loading...