महाराणा प्रताप
वो जो शौर्य का प्रतीक,
मेवाड का सम्मान
घाटियो की शान
जिसके सामने फिका आसमान,
वो जो सिंह सी दहाड़
चेतक की किलकार
कमर पर बधी तलवार
जिसके सामने फिका अकबर का हर एक वार
वो जो चेतक का शौर्य
रामप्रसाद का धैर्य
महाराणा का आजादी पर प्रचंड विश्वास
जिसके सामने फिकी अकबर की मेवाड पर आश
वो जो रण भूमि का ललकार
चला लडने मातृभूमि का लाल
घाटीयों में आ गया मुगलो का काल
जिसके शौर्य के सामने नत मस्तक है मेवाड़
:- जय हिन्द
© जसवंत लखारा