” महापुरुष “
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
==============
महापुरुष अपनी
उपलब्धियों
को श्रेष्ठतम
कथमपि नहीं कहते !
नहीं वे अपनी
नीतियों का सदा
लोंगों के सामने
बखान करते !!
श्रेष्ठतम वह व्यक्ति
होता है जहाँ में
जो सभी की
उपलब्धियों का
सम्मान करते !
शिवगंग धारा से
जगत का प्यास बुझता
नील कंठ बनकर
सदा विष पान करते !!
सबके जीवन में
नया कुछ और आता
आप उसके पास
आकर उर लगाते !
यह भावना कैसे
विलुप्त हो गयी
काश ! उसके दुःख
दर्द आप बाँट लेते !!
============
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस० पी ० कॉलेज रोड
दुमका
झारखण्ड
भारत