*** ” महात्मा गांधी : आज की पुकार…….!!! ” ***??????
*** :: धन्य-धन्य है वह धरा ,
जिस पर तू ने जन्म लिया ।
धन्य-धन्य है वह ” माँ ” अतुल्य ,
जिसने शांति के अग्रदूत को अपने गोद लिया
किया है जिसने गोरे मन के इरादों की खात्मा ,
है वह सब के मन की एक ” महात्मा ” ।
न हाथों में ‘ अस्त्र ‘ लिया ,
न हाथों में कोई शस्त्र लिया ;
सत्य-अहिंसा का जिसने सदा व्रत किया ,
और केवल ” स्वतंत्रता-दीप जलाना है ,
ऐसा मन में रट लिया ।
न कोई रक्त-पात किया ,
जाति-धर्म से न कभी कोई पक्षपात् किया ।
पावन-पुनीत की जिसने हरदम काम किया ,
और जग में ” अमर-एकता ” का अमिट नाम दिया ।
धन्य धन्य है वह धरा………!
*** :: बनकर रह गया , जो एक मिट्टी का पुतला ;
तन में न कोई ‘ कोट ‘ लिया ।
मन में न कोई खोंट किया ,
लिया तो बस एक लंगोट लिया ;
और जिसमें ‘ मन के काले ‘ गोरे को समेट लिया ।
न पांवों पर कोई ‘ एक्शन बूट लिया ,
न ‘ मदिरा ‘ का जिसने एक घुट पीया ।
लिया ‘ काठ ‘ का एक ‘ चरण पादूका ‘ ,
और दे दिया जिसने अंग्रेज़ो को झटका ।
मर कर ‘ एक गोली ‘ से जिसने ,
अमरता का सदा काम किया ;
और जग में केवल ” बापू ” का एक नाम लिया ।
धन्य-धन्य है वह धरा……..!!
*** :: मिट गए जो ‘ वतन ‘ के नाम पर ,
न अपमान का काम किया ।
” हे साबरमती ” के संत ,
न तू ने कोई फरमान किया ।
लिया तो केवल अंतिम सांसों में ,
” हरे राम ” का नाम लिया ।
हर चमन चमन उजड़ गए हैं ,
तेरे गले की ‘ हार ‘ होने को ;
धरती-गगन सूनसान पड़े हैं आज ,
केवल तूझे अपने आंचल में पाने को ।
ढूंढ़ रहा है आज ” वतन ” की गली-गली ,
पुकार रही है ‘ चमन ‘ की हर कली-कली ।
” शांति की , अहिंसा का ” , तिरंगा लहराने को ;
” अमर-एकता ” की एक ‘अदीप्त ‘ दीप जलाने को ।
” अमर-एकता ” की एक ‘अदीप्त ‘ दीप जलाने को ।
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* बी पी पटेल *
बिलासपुर ( छत्तीसगढ़ )
०२ / १० / २०२०