महफ़िल से जाम से
महफ़िल से जाम से
कभी करना न तू जुदा,
साकी रहे सलामत,
सलामत हो मैकदा।
उम्र ए तमाम गुजरे
किसी रिन्द के मानिन्द।
अदना को दिखता पीकर
हर जर्रे में खुदा।
-सतीश सृजन
महफ़िल से जाम से
कभी करना न तू जुदा,
साकी रहे सलामत,
सलामत हो मैकदा।
उम्र ए तमाम गुजरे
किसी रिन्द के मानिन्द।
अदना को दिखता पीकर
हर जर्रे में खुदा।
-सतीश सृजन