महंगाई
हाय महंगाई
हाय-हाय महंगाई
हाय महंगाई
हाय-हाय महंगाई
(१)
पहिले रहे ऊ
डाइन बाकिर
आज-काल
भईल भउजाई
हाय महंगाई
हाय-हाय महंगाई…
(२)
जे ना समझल
ऊ ना समझी
हम समझेनी
ओकर चतुराई
हाय महंगाई
हाय-हाय महंगाई…
(३)
जेके मननी
आपन मसीहा
उहे निकलल
निरमम क़साई
हाय महंगाई
हाय-हाय महंगाई…
(४)
केकरा लगे
फ़रियाद करीं
काहां जाके
दीं हम दुहाई
हाय महंगाई
हाय-हाय महंगाई…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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