मन
मन में
शांति है तो
मन एक मंदिर है
मन में
अशांति है तो
मन रेगिस्तान में उठा
एक बवंडर है
मन
किसी के मन से
जुड़ा है तो
प्यार का एक सेतु है
मन
किसी से खफा है तो
कब्रिस्तान के सन्नाटों में
दस्तक देता कोई
जंगल का शोर
मन एक बूंद है
मन एक जलाशय है
मन एक दरिया है
मन एक समुन्दर है
मन एक बादल है
मन हर बात को
बारीकी से समझता हुआ
एक छोटी सी डिब्बी में बंद
एक विशालकाय जीव की
तरह मुंह फाड़ता एक
जरिया है
मन में ही दुविधा है
मन में ही सुविधा है
मन में ही समस्यायें हैं
मन में ही मिलते इनके
हल हैं
मन में ही उलझन है
मन में ही सुलह है
समाधान है
सुलझन है
मन में ही तड़पन है
मन में ही अर्पण है
मन में ही दर्पण है
मन में ही जल है
आकाश है
धरती है
यह संसार है
वह संसार है
सारी सृष्टि का सार है
मनुष्य की इसी
क्रीड़ा स्थल पर
कभी जीत तो
कभी हार है
मन जो विश्राम कराये
दिखाये खुले नयनों से
स्वप्न
वही सच है
कभी बुने
भ्रमजाल तो
वही संजोग है
किस्मत की रेखा है
कभी मिलन है
कभी वियोग है
कभी छटपटाहट है
कभी ठहरा हुआ सा
कोई ठौर है
मन की झांकी
निकलती रहे
मन के द्वार से
मन की भूमि पर
चलती रहे
सुबह, दोपहर, सांझ,
रात
मन ही चलाये
जीवन को
मन जो दिखाये
वही जीवन का दर्शन
वही इस का सार।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001