मन बैठ मेरे पास पल भर,शांति से विश्राम कर
मन बैठ मेरे पास पल भर,शांति से विश्राम कर
जिसने बनाया है तुम्हें,पल भर तो उनके नाम कर
घूमते हो हर घड़ी, अपनी असीमित चाह में
क्या अकेला हेतु है, आने का इस संसार में
आ बैठ मेरे पास मन,स्व में तनिक विश्राम कर
एक पल तो अपने आप को, काम से निष्काम कर