मन घडन्त गणित
मनुष्य विचारवान प्राणी है,
मनुष्य के मस्तिष्क पटल पर विचारों का प्रवाह चलते रहता है,
एक मिनट में लगभग पच्चीस से तीस विचार आते जाते है,
मन के क्रियान्वयन में
चेतन मन
अवचेतन मन
अचेतन मन, विचारों के आधार पर सक्रिय भूमिका निभाते है,
मन को गुण और विकार दृष्टिकोण से
सत्वगुण मन का श्रेष्ठ
तथा रजोगुण वा तमोगुण को विकार माना जाता है.
मस्तिष्क की तीन नाड़ियां
इड़ा
पिंगला
सुषुम्ना
अंग्रेजी यानि एलोपैथी मत में
Brain से जुडे.
Autonomous nervous system
Central nervous system
Peripheral nervous system
मन की क्रिया शैली अपरिमित है.
अनंत परिमेय.
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मन घडंत गणित.
हल करना चाहते है.
वह एक तथाकथित भगवान, ईश्वर, अल्लाह, मसीह, को स्थापित करता है.
और भक्त उसे सिद्ध और प्राप्त करने की होड में चूक जाता है.
और खुद को श्रेष्ठ साबित करने में जुट जाता है,
वह धार्मिक है.
उसकी सारी ताकत इसी और जुट जाती है.
मन घडंत गणित पर समीक्षा कर नहीं पाता.
.
और वह कपोल कल्पित कथा कहानियां ग्रंथ साहित्य से विकृत मन से चमत्कारी उपाय इख्तियार करता है.
और कोई करके
देखता नहीं.
व्यापार सदियों से चलते आ रहा है.
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मन के बाकी पृष्ठ.
उसके लिये बंद हो जाते है.
किंकर्तव्यविमूढ़… स्थिति मन की है.