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19 Feb 2023 · 1 min read

मन के झरोखों में छिपा के रखा है,

मन के झरोखों में छिपा के रखा है,
सबकी नज़र से बचा के रखा है।
ढूंढता हूं बस उस अल्हड़ बचपने को,
न जाने कहां बचपना खो गया है।।
अमित मिश्र

Language: Hindi
265 Views
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