Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Sep 2020 · 1 min read

“मन के चट्टानों से”

मन के चट्टानों से,
भावों का यूं टकराना।
रह – रह कर,
तह दर तह पर जाना।
धार समय की यूं देखो,
कैसे उमड़ उमड़ कर जाना।
मन के चट्टानों से ,
भावों का यूं टकराना।
कुछ टूटे – टूटे बिखरे – बिखरे,
ख्वाबों का सिहर – सिहर जाना।
मन के चट्टानों से,
भावों का यूं टकराना।
विस्मृत बातों का आलिंगन कर,
नीर नयन से बरसा जाना।
मन के चट्टानों से,
भावों का यूं टकराना।
सरल श्याम सी उर्मि का,
यूं उदधि से मिलने जाना।
मन के चट्टानों से,
भावों का यूं टकराना।
बिखरे बिखरे श्वांसो का,
निःशब्द संवाद करते जाना।
मन के चट्टानों से,
भावों का यूं टकराना।
रह – रह कर,
तह दर तह पर जाना।

© डा० निधि श्रीवास्तव “सरोद”…

Language: Hindi
2 Likes · 341 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
पेशवा बाजीराव बल्लाल भट्ट
पेशवा बाजीराव बल्लाल भट्ट
Ajay Shekhavat
वो शिकायत भी मुझसे करता है
वो शिकायत भी मुझसे करता है
Shweta Soni
अपनों में कभी कोई दूरी नहीं होती।
अपनों में कभी कोई दूरी नहीं होती।
लोकनाथ ताण्डेय ''मधुर''
पृष्ठों पर बांँध से
पृष्ठों पर बांँध से
Neelam Sharma
घृणा आंदोलन बन सकती है, तो प्रेम क्यों नहीं?
घृणा आंदोलन बन सकती है, तो प्रेम क्यों नहीं?
Dr MusafiR BaithA
रोला छंद
रोला छंद
sushil sarna
#है_व्यथित_मन_जानने_को.........!!
#है_व्यथित_मन_जानने_को.........!!
संजीव शुक्ल 'सचिन'
उठे ली सात बजे अईठे ली ढेर
उठे ली सात बजे अईठे ली ढेर
नूरफातिमा खातून नूरी
वक्त आने पर भ्रम टूट ही जाता है कि कितने अपने साथ है कितने न
वक्त आने पर भ्रम टूट ही जाता है कि कितने अपने साथ है कितने न
Ranjeet kumar patre
रणक्षेत्र बना अब, युवा उबाल
रणक्षेत्र बना अब, युवा उबाल
प्रेमदास वसु सुरेखा
"गौरतलब"
Dr. Kishan tandon kranti
संयुक्त राष्ट्र संघ
संयुक्त राष्ट्र संघ
Shekhar Chandra Mitra
रूबरू।
रूबरू।
Taj Mohammad
अमर्यादा
अमर्यादा
साहिल
इक परी हो तुम बड़ी प्यारी हो
इक परी हो तुम बड़ी प्यारी हो
Piyush Prashant
3044.*पूर्णिका*
3044.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वो सुन के इस लिए मुझको जवाब देता नहीं
वो सुन के इस लिए मुझको जवाब देता नहीं
Aadarsh Dubey
हमको मिलते जवाब
हमको मिलते जवाब
Dr fauzia Naseem shad
कोरी आँखों के ज़र्द एहसास, आकर्षण की धुरी बन जाते हैं।
कोरी आँखों के ज़र्द एहसास, आकर्षण की धुरी बन जाते हैं।
Manisha Manjari
हंसगति
हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
कोशिश करना आगे बढ़ना
कोशिश करना आगे बढ़ना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
■ सुबह-सुबह का ज्ञान।।
■ सुबह-सुबह का ज्ञान।।
*Author प्रणय प्रभात*
जमाने में
जमाने में
manjula chauhan
भँवर में जब कभी भी सामना मझदार का होना
भँवर में जब कभी भी सामना मझदार का होना
अंसार एटवी
व्यक्ति महिला को सब कुछ देने को तैयार है
व्यक्ति महिला को सब कुछ देने को तैयार है
शेखर सिंह
भोर
भोर
Omee Bhargava
तन्हाई बिछा के शबिस्तान में
तन्हाई बिछा के शबिस्तान में
सिद्धार्थ गोरखपुरी
विचार, संस्कार और रस [ तीन ]
विचार, संस्कार और रस [ तीन ]
कवि रमेशराज
तन को सुंदर ना कर मन को सुंदर कर ले 【Bhajan】
तन को सुंदर ना कर मन को सुंदर कर ले 【Bhajan】
Khaimsingh Saini
Loading...