मन की बात
सत्य है,मैं तेरे प्रीत की दाद देती हूं
तुझसे,बस एक फरियाद कहती हूं,
कि लौट जा तू उस राह से
जिसे समझ प्रीत तुझने चुनी।
भटके न कभी जीवन कश्ती तेरी
जो तुने खुद से ही बुनी।
खुशी चुन जिसमें हर्ष हो देह का,
किसी की कमी न हो तुझे
और,मुझे भरोसा है निज नेह का।
झूठ को हटाने का करना प्रयास
हिस्से का सुख मिलेगा अवश्य
होना नहीं कभी हताश।
हां,तुम अहसास है मेरे अनुराग का
पाक सा बंधन है बातों के लगाम का।
मन की बात कहने का हक में रखती हूं
अनमोल जीवन में यह नाद करती हूं,
जीवन की राह में सुख,शूल,भटकन है
जीवनसाथी ऐसा चुन जो सदा तुझ संग है।
-सीमा गुप्ता, अलवर राजस्थान