Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Aug 2022 · 1 min read

मन का पाखी…

मन का पाखी लो उड़ चला
क़ैद पिंजरे में रहा कब भला
गिरी गगन धरा दरिया पवन
छोड़ नीचे जहां बादलों में पला

पात पात कभी डाल डाल
भूल सारे जगत के मलाल
बूँदों सा नाचता फिरे बावरा
न चिंता न फ़िकर न सवाल

जग में जीता ज्यूँ बंजारा
गली गली भटके आवारा
ना कहूँ ठौर न ही ठिकाना
जाने क्या ढूँढे वो बेचारा

रेखांकन।रेखा ड्रोलिया

Language: Hindi
308 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बुंदेली दोहा- पैचान१
बुंदेली दोहा- पैचान१
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मैंने आईने में जब भी ख़ुद को निहारा है
मैंने आईने में जब भी ख़ुद को निहारा है
Bhupendra Rawat
चोट शब्दों की ना सही जाए
चोट शब्दों की ना सही जाए
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Khuch chand kisso ki shuruat ho,
Khuch chand kisso ki shuruat ho,
Sakshi Tripathi
*साम वेदना*
*साम वेदना*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"कठपुतली"
Dr. Kishan tandon kranti
मुझसे बेज़ार ना करो खुद को
मुझसे बेज़ार ना करो खुद को
Shweta Soni
बमुश्किल से मुश्किल तक पहुँची
बमुश्किल से मुश्किल तक पहुँची
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मानव  इनको हम कहें,
मानव इनको हम कहें,
sushil sarna
होली (विरह)
होली (विरह)
लक्ष्मी सिंह
* करता बाइक से सफर, पूरा घर-परिवार【कुंडलिया】*
* करता बाइक से सफर, पूरा घर-परिवार【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
मानव मूल्य शर्मसार हुआ
मानव मूल्य शर्मसार हुआ
Bodhisatva kastooriya
क्यों हिंदू राष्ट्र
क्यों हिंदू राष्ट्र
Sanjay ' शून्य'
आत्म  चिंतन करो दोस्तों,देश का नेता अच्छा हो
आत्म चिंतन करो दोस्तों,देश का नेता अच्छा हो
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आज बेरोजगारों की पहली सफ़ में बैठे हैं
आज बेरोजगारों की पहली सफ़ में बैठे हैं
दुष्यन्त 'बाबा'
एक बेटी हूं मैं
एक बेटी हूं मैं
Anil "Aadarsh"
तिरंगा
तिरंगा
Dr Archana Gupta
मोहन तुम से तुम्हीं हो, ग्रथित अनन्वय श्लेष।
मोहन तुम से तुम्हीं हो, ग्रथित अनन्वय श्लेष।
डॉ.सीमा अग्रवाल
ऐ मौत
ऐ मौत
Ashwani Kumar Jaiswal
बदल देते हैं ये माहौल, पाकर चंद नोटों को,
बदल देते हैं ये माहौल, पाकर चंद नोटों को,
Jatashankar Prajapati
युद्ध नहीं जिनके जीवन में,
युद्ध नहीं जिनके जीवन में,
Sandeep Mishra
गीत
गीत
Mahendra Narayan
चमकते तारों में हमने आपको,
चमकते तारों में हमने आपको,
Ashu Sharma
भ्रांति पथ
भ्रांति पथ
नवीन जोशी 'नवल'
मानवता का धर्म है,सबसे उत्तम धर्म।
मानवता का धर्म है,सबसे उत्तम धर्म।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
बहुत यत्नों से हम
बहुत यत्नों से हम
DrLakshman Jha Parimal
नसीब तो ऐसा है मेरा
नसीब तो ऐसा है मेरा
gurudeenverma198
"मैं आज़ाद हो गया"
Lohit Tamta
बदल डाला मुझको
बदल डाला मुझको
Dr fauzia Naseem shad
💐प्रेम कौतुक-170💐
💐प्रेम कौतुक-170💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...