मन्दिर की देहरी पर बैठी मैं
एक जंगल में
बने
एक छोटे से मन्दिर की
देहरी पर बैठी मैं
एकांत में
अकेली
न मन्दिर के पट खुले
न कोई पुजारी
न ही कोई दर्शनार्थी आया
न कोई इंसान
न भगवान
प्रभु के दर्शन की प्यासी मैं
पूजा का थाल सजाये
बाट जोह रही
दीया जल रहा
जीवन की ज्योत धीमी हो रही
प्रभु के चरणों में समर्पित
यह जीवन करती विसर्जित
शनैः शनैः बुझती जा रही मैं।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001