Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Aug 2022 · 1 min read

*मनमोहन अब तो आ जाओ (भक्ति गीतिका)*

मनमोहन अब तो आ जाओ (भक्ति गीतिका)
________________________________
1
कब तक छिपे रहोगे मनमोहन अब तो आ जाओ
रूप-सुधा अपनी जो सुध-बुध खो देती दिखलाओ
2
तन की सैर अभी तक की है मैंने जनम बिताया
तन के भीतर छिपे हुए तुम जो पहचान कराओ
3
सिर्फ तुम्हारी कृपा मिले तो हम तुमको पा जाऍं
कृपासिंधु इस भवसागर से हमको पार लगाओ
4
पग-पग पर इस जग के आकर्षण व्यवधान कराते
हमें कृष्ण इस जग की माया में मत कभी लुभाओ
5
कितनी बार जन्म ले-लेकर फिर जग में लौटा हूॅं
जन्म-जन्म के बंधन अब तो हे केशव खुलवाओ
_________________________________
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

442 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
प्रकृति का अनुपम उपहार है जीवन
प्रकृति का अनुपम उपहार है जीवन
Er. Sanjay Shrivastava
💐प्रेम कौतुक-279💐
💐प्रेम कौतुक-279💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
समंदर
समंदर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
पढ़ाकू
पढ़ाकू
Dr. Mulla Adam Ali
मुझको उनसे क्या मतलब है
मुझको उनसे क्या मतलब है
gurudeenverma198
* सताना नहीं *
* सताना नहीं *
surenderpal vaidya
हंसी आ रही है मुझे,अब खुद की बेबसी पर
हंसी आ रही है मुझे,अब खुद की बेबसी पर
Pramila sultan
सार्थक जीवन
सार्थक जीवन
Shyam Sundar Subramanian
3197.*पूर्णिका*
3197.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मां मेरे सिर पर झीना सा दुपट्टा दे दो ,
मां मेरे सिर पर झीना सा दुपट्टा दे दो ,
Manju sagar
गीत... (आ गया जो भी यहाँ )
गीत... (आ गया जो भी यहाँ )
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
सावन साजन और सजनी
सावन साजन और सजनी
Ram Krishan Rastogi
विराम चिह्न
विराम चिह्न
Neelam Sharma
रात का रक्स जारी है
रात का रक्स जारी है
हिमांशु Kulshrestha
* भीतर से रंगीन, शिष्टता ऊपर से पर लादी【हिंदी गजल/ गीति
* भीतर से रंगीन, शिष्टता ऊपर से पर लादी【हिंदी गजल/ गीति
Ravi Prakash
■ झूठा विज्ञापन लोक...
■ झूठा विज्ञापन लोक...
*Author प्रणय प्रभात*
"विश्ववन्दनीय"
Dr. Kishan tandon kranti
फलक भी रो रहा है ज़मीं की पुकार से
फलक भी रो रहा है ज़मीं की पुकार से
Mahesh Tiwari 'Ayan'
हिन्दी दोहा बिषय-ठसक
हिन्दी दोहा बिषय-ठसक
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बड़े महंगे महगे किरदार है मेरे जिन्दगी में l
बड़े महंगे महगे किरदार है मेरे जिन्दगी में l
Ranjeet kumar patre
।।सावन म वैशाख नजर आवत हे।।
।।सावन म वैशाख नजर आवत हे।।
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
तुम्हारी याद आती है मुझे दिन रात आती है
तुम्हारी याद आती है मुझे दिन रात आती है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
शौक में नहीं उड़ता है वो, उड़ना उसकी फक्र पहचान है,
शौक में नहीं उड़ता है वो, उड़ना उसकी फक्र पहचान है,
manjula chauhan
महिला दिवस विशेष दोहे
महिला दिवस विशेष दोहे
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
एक उम्र
एक उम्र
Rajeev Dutta
असर-ए-इश्क़ कुछ यूँ है सनम,
असर-ए-इश्क़ कुछ यूँ है सनम,
Amber Srivastava
" दूरियां"
Pushpraj Anant
हल्लाबोल
हल्लाबोल
Shekhar Chandra Mitra
" हर वर्ग की चुनावी चर्चा “
Dr Meenu Poonia
हर तरफ खामोशी क्यों है
हर तरफ खामोशी क्यों है
VINOD CHAUHAN
Loading...