Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jul 2022 · 1 min read

मत रो ऐ दिल

मत रो ऐ मेरे दिल तू उस बेवफा के लिए
जिसने तोड़ दिया तेरा दिल किसी ओर के लिए।

जिसने न किया तेरे प्यार का परवाह
तु न याद करके रो उस बेवफा के लिए।

है इस संसार मे और भी कितने हँसी
एकबार फिर से नजरे उठाकर तो देख।

मिल जाएगें और भी कितने यहाँ
जरा तुम अपना मस्ताना अंदाज बिखेर कर तो देख।

क्यो रोती है तु इतना उस बेवफा के लिए
जिसने तुमसे प्यार कभी किया ही नही था ।

जो तुम्हें सच्चा प्यार करे ,जो तेरे प्यार लायक हो,
इस जमाने मे ऐसा साथी परख कर तो तु देख।

तु उस बेवफा प्यार को अपनी जिन्दगी से भुलाकर
आगे तो निकलकर जिदंगी फिर जीकर तो देख।

जिन्दगी के इस सफर प्यार करने वालो की कमी नही है
जरा तुम दिल को खोलकर अपने आसपास तो देख ।

ऐसे रो -रो कर तुम अपनी जिन्दगी को सजा न दे
जिन्दगी कितनी हँसीन है,तु इसे फिर से जी कर तो देख।

अनामिका

7 Likes · 6 Comments · 410 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मां का आंचल(Happy mothers day)👨‍👩‍👧‍👧
मां का आंचल(Happy mothers day)👨‍👩‍👧‍👧
Ms.Ankit Halke jha
प्रेम की पुकार
प्रेम की पुकार
Shekhar Chandra Mitra
माँ की याद आती है ?
माँ की याद आती है ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
किस्मत
किस्मत
Vandna thakur
हंसी आ रही है मुझे,अब खुद की बेबसी पर
हंसी आ रही है मुझे,अब खुद की बेबसी पर
Pramila sultan
हर बात को समझने में कुछ वक्त तो लगता ही है
हर बात को समझने में कुछ वक्त तो लगता ही है
पूर्वार्थ
पहले प्यार में
पहले प्यार में
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
मतदान
मतदान
Sanjay ' शून्य'
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
याद आयेगा हमें .....ग़ज़ल
याद आयेगा हमें .....ग़ज़ल
sushil sarna
■ आत्मावलोकन।
■ आत्मावलोकन।
*Author प्रणय प्रभात*
जली आग में होलिका ,बचे भक्त प्रहलाद ।
जली आग में होलिका ,बचे भक्त प्रहलाद ।
Rajesh Kumar Kaurav
23/177.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/177.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शिलालेख पर लिख दिए, हमने भी कुछ नाम।
शिलालेख पर लिख दिए, हमने भी कुछ नाम।
Suryakant Dwivedi
हर लम्हा
हर लम्हा
Dr fauzia Naseem shad
श्याम सुंदर तेरी इन आंखों की हैं अदाएं क्या।
श्याम सुंदर तेरी इन आंखों की हैं अदाएं क्या।
umesh mehra
कविता
कविता
Alka Gupta
दूसरों की लड़ाई में ज्ञान देना बहुत आसान है।
दूसरों की लड़ाई में ज्ञान देना बहुत आसान है।
Priya princess panwar
कैसे एक रिश्ता दरकने वाला था,
कैसे एक रिश्ता दरकने वाला था,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मनुष्य को
मनुष्य को
ओंकार मिश्र
⚜️गुरु और शिक्षक⚜️
⚜️गुरु और शिक्षक⚜️
SPK Sachin Lodhi
हो गये अब हम तुम्हारे जैसे ही
हो गये अब हम तुम्हारे जैसे ही
gurudeenverma198
तेरी महबूबा बनना है मुझे
तेरी महबूबा बनना है मुझे
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
आज का बदलता माहौल
आज का बदलता माहौल
Naresh Sagar
तेरी धड़कन मेरे गीत
तेरी धड़कन मेरे गीत
Prakash Chandra
फिर से
फिर से
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
*हृदय की वेदना हर एक से कहना नहीं अच्छा (मुक्तक)*
*हृदय की वेदना हर एक से कहना नहीं अच्छा (मुक्तक)*
Ravi Prakash
बिल्ली मौसी (बाल कविता)
बिल्ली मौसी (बाल कविता)
नाथ सोनांचली
साइंस ऑफ लव
साइंस ऑफ लव
Dr. Pradeep Kumar Sharma
पता नहीं कब लौटे कोई,
पता नहीं कब लौटे कोई,
महेश चन्द्र त्रिपाठी
Loading...