***** मत पूछ सवाल ऐ जमाने *****
मत पूछ सवाल ऐ जमाने क्या हमारे दिल में है
वक्त आने पर बता देंगे,क्या हमारे दिल में है
देख बाहर की चकाचौंध,ना ये कयास लगा
मत पूछ सवाल ऐ जमाने क्या हमारे दिल में है
वक्त गुजरा है जमाने तुझे समझने को बहुत
अब ना झुकेगा जमाने सज़दे में तेरे ये सर
मत पूछ सवाल ऐ जमाने क्या हमारे दिल में है
मयस्सर ना मुझको हो चाहे अब तेरा ये दर
मैं झुका हूं बहुत तेरे सम्मान में हरक्षण हरदम
मत पूछ सवाल ऐ जमाने क्या हमारे दिल में है
मुझको मिला क्या,क्या नहीं अब मुझे नही ये ग़म
तेरी चौखट से कई बार निकला हो बेदम
मत पूछ सवाल ऐ जमाने क्या हमारे दिल में है
मैंने शिकवा-शिकायत नहीं की तुमसे है ये क्या कम
दौलतों के तराजू में तोले ग़म है ये क्या कम
मत पूछ सवाल ऐ जमाने क्या हमारे दिल में है
आज क्यूं बोखलाहट है तेरे दौलते-समंदर
सागर से तेरे दिल में है क्यूं आज इतनी हलचल
मत पूछ सवाल ऐ जमाने क्या हमारे दिल में है
बैचेन है आज क्यूं,तूं ओरों को यूं बेकरार कर
वो तेरे दिल का करार आज यूं ना बेकार कर
मत पूछ सवाल ऐ जमाने क्या हमारे दिल में है
हो सके तो अपने को तूं इस ग़म-सागर से पार कर
मुझसे मिलना है तो आँखे मुझसे दो-चार कर
मत पूछ सवाल ऐ जमाने क्या हमारे दिल में है
क्यूं घबराहट है मिलने में छिपके यूं वार ना कर
अब है आगाज़ हिम्मत है तो आर-पार कर
मत पूछ सवाल ऐ जमाने क्या हमारे दिल में है
वक्त आने पर बता देंगे,क्या हमारे दिल में है।।
?मधुप बैरागी