Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Mar 2022 · 1 min read

मत्तगयंद सवैया

🦚
मत्तगयंद सवैया
************
शारद माँ विनती सुनिये किसने फिर दीपक नेह बुझाया ।
फैल गया अब द्वेष लता वत सोच रहा किसकी यह माया ।।
होन लगे अब रोज फसाद नहीं सुख चैन छले डर छाया ।
कोर कृपा कर दो अपनी पुनि दूर भगे डर का यह साया ।।
*
हे घनश्याम ! दुखी मन मोर नहीं अब ‌नीर पिये यमुना का ।
शोर विहीन हुए तट दूभर जीवन जीव जिये यमुना का ।।
स्याह हुआ मषि-सा जल देख फटे उर कौन सिये यमुना का ।
कूल खिलें फिर फूल यहाँ हरि कष्ट पुनः हरिये यमुना का ।।

महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा ।
***

Language: Hindi
144 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahesh Jain 'Jyoti'
View all
You may also like:
ले आओ बरसात
ले आओ बरसात
Santosh Barmaiya #jay
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
भ्रम जाल
भ्रम जाल
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मंजिल तक पहुंचने
मंजिल तक पहुंचने
Dr.Rashmi Mishra
जब सब्र आ जाये तो....
जब सब्र आ जाये तो....
shabina. Naaz
कर रहा हम्मास नरसंहार देखो।
कर रहा हम्मास नरसंहार देखो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
हर क़दम पर सराब है सचमुच
हर क़दम पर सराब है सचमुच
Sarfaraz Ahmed Aasee
मान देने से मान मिले, अपमान से मिले अपमान।
मान देने से मान मिले, अपमान से मिले अपमान।
पूर्वार्थ
तहजीब राखिए !
तहजीब राखिए !
साहित्य गौरव
जीवन मार्ग आसान है...!!!!
जीवन मार्ग आसान है...!!!!
Jyoti Khari
तुझे खुश देखना चाहता था
तुझे खुश देखना चाहता था
Kumar lalit
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तुम जब भी जमीन पर बैठो तो लोग उसे तुम्हारी औक़ात नहीं बल्कि
तुम जब भी जमीन पर बैठो तो लोग उसे तुम्हारी औक़ात नहीं बल्कि
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
राजकुमारी कार्विका
राजकुमारी कार्विका
Anil chobisa
नौकरी
नौकरी
Aman Sinha
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sundeep Thakur
*डॉक्टर किशोरी लाल: एक मुलाकात*
*डॉक्टर किशोरी लाल: एक मुलाकात*
Ravi Prakash
पुश्तैनी दौलत
पुश्तैनी दौलत
Satish Srijan
क़ीमत नहीं होती
क़ीमत नहीं होती
Dr fauzia Naseem shad
नमामि राम की नगरी, नमामि राम की महिमा।
नमामि राम की नगरी, नमामि राम की महिमा।
डॉ.सीमा अग्रवाल
नौका विहार
नौका विहार
Dr Parveen Thakur
हे सर्दी रानी कब आएगी तू,
हे सर्दी रानी कब आएगी तू,
ओनिका सेतिया 'अनु '
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
"स्वजन संस्कृति"
*Author प्रणय प्रभात*
प्रकृति
प्रकृति
Monika Verma
क्योंकि मैं किसान हूँ।
क्योंकि मैं किसान हूँ।
Vishnu Prasad 'panchotiya'
सेर
सेर
सूरज राम आदित्य (Suraj Ram Aditya)
// स्वर सम्राट मुकेश जन्म शती वर्ष //
// स्वर सम्राट मुकेश जन्म शती वर्ष //
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
पूर्णिमा की चाँदनी.....
पूर्णिमा की चाँदनी.....
Awadhesh Kumar Singh
2797. *पूर्णिका*
2797. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...