Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 May 2022 · 1 min read

मज़हबी उन्मादी आग

मज़हबी उन्मादी आग सुलगा दी गई? हम सभी झुलसते गए?
वो दलाल सियासी रोटींया सेकता रहा और सब देखते रहे?
शायर- किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 344 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan Karigar
View all
You may also like:
दो रंगों में दिखती दुनिया
दो रंगों में दिखती दुनिया
कवि दीपक बवेजा
जमाना जीतने की ख्वाइश नहीं है मेरी!
जमाना जीतने की ख्वाइश नहीं है मेरी!
Vishal babu (vishu)
हैं राम आये अवध  में  पावन  हुआ  यह  देश  है
हैं राम आये अवध में पावन हुआ यह देश है
Anil Mishra Prahari
फर्श पर हम चलते हैं
फर्श पर हम चलते हैं
Neeraj Agarwal
खुशी की तलाश
खुशी की तलाश
Sandeep Pande
पावस में करती प्रकृति,
पावस में करती प्रकृति,
Mahendra Narayan
"चाँद को शिकायत" संकलित
Radhakishan R. Mundhra
आया बसंत
आया बसंत
Seema gupta,Alwar
सरस्वती वंदना-3
सरस्वती वंदना-3
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
अफ़सोस का एक बीज़ उगाया हमने,
अफ़सोस का एक बीज़ उगाया हमने,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
महोब्बत करो तो सावले रंग से करना गुरु
महोब्बत करो तो सावले रंग से करना गुरु
शेखर सिंह
पिता
पिता
विजय कुमार अग्रवाल
पिछले 4 5 सालों से कुछ चीजें बिना बताए आ रही है
पिछले 4 5 सालों से कुछ चीजें बिना बताए आ रही है
Paras Mishra
भैतिक सुखों का आनन्द लीजिए,
भैतिक सुखों का आनन्द लीजिए,
Satish Srijan
काव्य में अलौकिकत्व
काव्य में अलौकिकत्व
कवि रमेशराज
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*Author प्रणय प्रभात*
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
हमारी सम्पूर्ण ज़िंदगी एक संघर्ष होती है, जिसमे क़दम-क़दम पर
हमारी सम्पूर्ण ज़िंदगी एक संघर्ष होती है, जिसमे क़दम-क़दम पर
SPK Sachin Lodhi
ज़माना हक़ीक़त
ज़माना हक़ीक़त
Vaishaligoel
पूर्बज्ज् का रतिजोगा
पूर्बज्ज् का रतिजोगा
Anil chobisa
मैं अशुद्ध बोलता हूं
मैं अशुद्ध बोलता हूं
Keshav kishor Kumar
प्रणय 7
प्रणय 7
Ankita Patel
कितने हीं ज़ख्म हमें छिपाने होते हैं,
कितने हीं ज़ख्म हमें छिपाने होते हैं,
Shweta Soni
जो सब समझे वैसी ही लिखें वरना लोग अनदेखी कर देंगे!@परिमल
जो सब समझे वैसी ही लिखें वरना लोग अनदेखी कर देंगे!@परिमल
DrLakshman Jha Parimal
প্রশ্ন - অর্ঘ্যদীপ চক্রবর্তী
প্রশ্ন - অর্ঘ্যদীপ চক্রবর্তী
Arghyadeep Chakraborty
हम तो कवि है
हम तो कवि है
नन्दलाल सुथार "राही"
शिव वंदना
शिव वंदना
ओंकार मिश्र
""बहुत दिनों से दूर थे तुमसे _
Rajesh vyas
*हमेशा जिंदगी की एक, सी कब चाल होती है (हिंदी गजल)*
*हमेशा जिंदगी की एक, सी कब चाल होती है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*माँ जननी सदा सत्कार करूँ*
*माँ जननी सदा सत्कार करूँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...