मज़दूर के हाल
का आइल कोरोना
काल हो
ज़िंदगी भईल
जंजाल हो…
(१)
एक बेरा के
रोटी दुलम बा
कइसे गुजरी
पूरा साल हो…
(२)
महले में
पोसाइल जे
का जानी
मज़दूर के
हाल हो…
(३)
हक़ जेकर
मारल जाता
काहे ना करी
हड़ताल हो…
(४)
मीडिया जब
नीलाम भइल
के करी सांच के
पड़ताल हो…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#प्रवासीमज़दूर