*मकर संक्रांति (कुंडलिया)*
मकर संक्रांति (कुंडलिया)
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रेवड़ियाँ लड्डू गजक ,खिचड़ी उड़द अचार
सूर्य उत्तरायण चला ,खिलता व्योम अपार
खिलता व्योम अपार , पतंगे रंग – बिरंगी
मुस्काती है आग , मूँगफलियाँ बेढ़ंगी
कहते रवि कविराय ,थिरकती जीवन-लड़ियाँ
महक भरी संक्रांति , गा रहीं गुड़ रेवड़ियाँ
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रचयिता : रवि प्रकाश ,
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451