Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Oct 2022 · 1 min read

भ्रमण

प्रातः कालीन भ्रमण
////////////////////////
प्रातः काल सैर करने से यह जीवन सुखदाई है।
जंगल,खेत,बागमें जाकर नियमित करो घुमाई है।

मन प्रसन्न इससे होता है रोग पास न आते है।
शीतल,मंद सुगंधित वायु सुबह शामही पाते है।
मन कोमल पवित्र हो जाता मन हरदम हरषायी है।
प्रातः काल सैर,,,,,,,,,

फूल खिले बागों में देखो मन प्रसन्न हो जाता है।
प्रकृति की सुन्दरता देखो तन हर्षित हो जाता है।
शुद्ध रक्त इससे हो जाता,छटा प्रकृति की छाई है।
प्रातः काल सैर,,,,,,,,

स्वास्थ्य लाभ इससे होता है,आयु भी बढ़ जाती है।
तन में तेज बना रहता है,आँख ज्योति पढ़ जाती है।
‘सरिता’जैसा उज्जवल जीवन,सुखद सुफल फलदाई है।
प्रातः काल सैर,,,

सुनीता गुप्ता ‘सरिता’कानपुर

Language: Hindi
123 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सहयोग आधारित संकलन
सहयोग आधारित संकलन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
अलगौझा
अलगौझा
भवानी सिंह धानका "भूधर"
रविवार की छुट्टी
रविवार की छुट्टी
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
"इसलिए जंग जरूरी है"
Dr. Kishan tandon kranti
* मंजिल आ जाती है पास *
* मंजिल आ जाती है पास *
surenderpal vaidya
हंसकर मुझे तू कर विदा
हंसकर मुझे तू कर विदा
gurudeenverma198
यें हक़ीक़त थी मेरे ख़्वाबों की
यें हक़ीक़त थी मेरे ख़्वाबों की
Dr fauzia Naseem shad
*धनतेरस का त्यौहार*
*धनतेरस का त्यौहार*
Harminder Kaur
भले उधार सही
भले उधार सही
Satish Srijan
दोहावली...(११)
दोहावली...(११)
डॉ.सीमा अग्रवाल
दो साँसों के तीर पर,
दो साँसों के तीर पर,
sushil sarna
*रात से दोस्ती* ( 9 of 25)
*रात से दोस्ती* ( 9 of 25)
Kshma Urmila
*जिंदगी से हर किसी को, ही असीमित प्यार है (हिंदी गजल)*
*जिंदगी से हर किसी को, ही असीमित प्यार है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
विभीषण का दुःख
विभीषण का दुःख
Dr MusafiR BaithA
किसी अंधेरी कोठरी में बैठा वो एक ब्रम्हराक्षस जो जानता है सब
किसी अंधेरी कोठरी में बैठा वो एक ब्रम्हराक्षस जो जानता है सब
Utkarsh Dubey “Kokil”
मोहब्बत से जिए जाना ज़रूरी है ज़माने में
मोहब्बत से जिए जाना ज़रूरी है ज़माने में
Johnny Ahmed 'क़ैस'
आत्मसम्मान
आत्मसम्मान
Versha Varshney
इजहार ए मोहब्बत
इजहार ए मोहब्बत
साहित्य गौरव
मन को कर देता हूँ मौसमो के साथ
मन को कर देता हूँ मौसमो के साथ
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
दुनिया सारी मेरी माँ है
दुनिया सारी मेरी माँ है
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
गणतंत्रता दिवस
गणतंत्रता दिवस
Surya Barman
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
स्वप्न विवेचना -ज्योतिषीय शोध लेख
स्वप्न विवेचना -ज्योतिषीय शोध लेख
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
■ विनम्र आग्रह...
■ विनम्र आग्रह...
*Author प्रणय प्रभात*
क्रांति की बात ही ना करो
क्रांति की बात ही ना करो
Rohit yadav
थोड़ा प्रयास कर समस्या का समाधान स्वयं ढ़ुंढ़ लेने से समस्या
थोड़ा प्रयास कर समस्या का समाधान स्वयं ढ़ुंढ़ लेने से समस्या
Paras Nath Jha
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
While proving me wrong, keep one thing in mind.
While proving me wrong, keep one thing in mind.
सिद्धार्थ गोरखपुरी
हसरतें
हसरतें
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
Loading...