भोजपुरी के कचरा
केतना कुछ बा
लिखे के!
केतना कुछ बा
गावे के!!
संसद से लेके
सड़क ले!
केतना कुछ बा
सुने के!!
गीतकारों, गायकों और श्रोताओं से मेरी इतनी ही अपील है कि एक बार अपने दिल पर हाथ रखकर सोचिए कि आप लोग भोजपुरी के नाम पर क्या लिख, गा और सुन रहे हैं!