भूली-बिसरी यादें हैं कुछ
भूली-बिसरी यादें हैं कुछ
और पुराने वादें हैं कुछ
जीवन इक कड़वी सच्चाई
लेकिन मीठी यादें हैं कुछ
तन्हा-तन्हा-सी बरसों से
हाँ लव पर फरियादें हैं कुछ
चाहे दिल पर और सितमकर
देख बुलन्द इरादें हैं कुछ
दिलवालों की ज़ेबें ख़ाली
फिर भी वो शहजादें हैं कुछ