भूखा कूड़ेदान
भूखा कूड़ेदान
प्रथम प्रहर में स्वास्थ्य लाभ हेतु भ्रमण के लिए मनोज निकला ।
उसने देखा कि , रोज की तरह उपेक्षित कूड़ादान आज भी मुंह बाये पड़ा है । उसे ऐसी अनुभूति हुई , जैसे कोई बालक अपनी भूख मिटाने के लिए भोजन के कौर को ग्रहण करने को आतुर है , किन्तु भोजन परोसने वाले ने उसका भोजन कूड़े- दान रूपी भूखे बालक के आस –पास गिरा दिया गया है , और कूड़े दान रूपी बालक का पेट आज भी रिक्त है
ऐसा लगता है , स्वच्छता का मूल्य जानते सब हैं , पर मानते कितने व्यक्ति हैं ?
डा प्रवीण कुमार श्रीवास्तव
22-11-2018