भुलाया मुझे गर
भुलाया मुझे गर तो क्या पाइयेगा
ग़मे-इश्क़ में आप पछताइयेगा
हमारा गुज़र तो नहीं आपके बिन
अगर आपका हो चले जाइयेगा
ये चाहत, ये राहत, मुहब्बत की दुनिया
इसे छोड़कर आप पछताइयेगा
रक़ीबों से रक्खें भले आप रिश्ते
मुहब्बत मगर हमसे फ़रमाइयेगा
गिराकर उठाना ये पर्दा हया का
महावीर क्यों होश में आइयेगा