भीष्म पितामह
भीष्म पितामह
गंगा पुत्र भीष्म खास
रच गये इतिहास।
पिता सुख धर्म मान
प्रतिज्ञा संकल्प है।
ब्रह्मचार्य पालन का
सत्ता सुख मानव का।
छोडकर मोह माया
प्रतिज्ञा निभाना है।
देवव्रत नाम दिया
कुरूवंश जन्म लिया।
गंगा की सौगंध मुझे
कुवाँरा रहना है।
प्रतिज्ञा की सुन आन
पिता शांतनु हैरान।
इच्छा मृत्यु वरदान
बचन पिता का है।
वशिष्ठ श्राप कारण
करना था निवारण।
गंगा व शांतनु पुत्र
वसु द्यौ संतान है।
प्रतिज्ञा करके भीष्म
नाम पाया है भीष्म।
भीष्मपिता कुरूवंश
यश कीर्ति पाया है।
प्रण हित युद्ध किया
गुरू से समर किया।
परशुराम हारते
शिव युद्ध रोका है।
महाभारत युद्ध में
कृष्ण बचन आड में।
तुडवाया पितामह
शस्त्र उठवाया है।
(राजेश कुमार कौरव सुमित्र)