भावना के कद्र नइखे
भावना के कद्र नइखे ना बचल अहसास बा
ना केहू बाटे पराया ना केहू अब खास बा
लोग तहरा से कहेला तू हवऽ आपन भले
बा जवन जाँगर सलामत बस ओही के आस बा
बाप सबके तऽ बना दिहलें पढ़ा के आदमी
मौत आइल बा मगर ना पूत केहू पास बा
एक दिन हमरो सितारा दी चमक सूरज तरे
ई समय बदलत रहेला बस इहे विश्वास बा
झूठ के ‘आकाश’ अइसन बा जमाना आ गइल
साँच बोलल ना केहू के आ रहल अब रास बा
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- १३/११/२०२१