भारत लोकतंत्र एक पर्याय
अखण्ड, धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी।
42 वे संविधान संशोधन 1976 में ।
जोङे गए प्रस्तावना में ये तीन नए शब्द ।
प्रशस्त करे जो हर भारतीय नागरिक को ।
ब्रम्हांड, आसमाँ में रहते ।
एकजुट होकर जैसे ।
चांद,तारे,सूर्य, ग्रह, नक्षत्र ।
सबकी है जरूरत सर्वत्र ।
रहते वैसे ही इस भारत भूमि पर ।
जैन,बौद्ध, पारसी,सीख,ईसाई,हिंदू, मुस्लिम ये मजहब ।
सब ही यही सीखाते है ।
है ईश्वर एक महज ।
हिंसा से करके निवृत्ति ।
मनसा,वाचा,कर्मणा।
अपराधो से कर लो विरक्ति ।
हो जहां में मानव का कल्याण ।
दे ईश्वर सबको सद्बुद्धि ।
अहिंसा परमोः धर्मः ।
आत्मा की है सिर्फ यही सूक्ति ।
किसी से घृणा, जाति वर्ग से पीङा ।
भेदभाव हो समाज से खत्म ।
उठाए हम सब मिलकर बीङा ।
गंगा,यमुना, कावेरी,गोदावरी ।
बहती जिस धरा पर ये शुचि नदियाँ ।
गर्व से गौरवान्वित है जहाँ की बीती सदियाँ ।
खङा हिमालय,नीलगिरी,सह्याद्रि।
जङी -बूटियो की खान ।
नीरोगी काया जीवन का प्रथम सोपान ।
है विस्तृत भारत में ।
ज्ञान समाहित जगत् कल्याण ।
बुद्ध, महावीर,नानक, मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम, श्री कृष्ण गणेश ।
नाना देवी -देवताओ की करती जो धरती आह्वान ।
उत्तर -दक्षिण, पूर्व -पश्चिम ।
हर ओर खुशी की लहर स्वप्निल ।
सुबह-ए-बनारस मां गंगा की आरती ।
छटा अद्भुत, स्वर्ग आभास, विस्मरणीय इस पल की ।
ताजमहल,गेटवे ऑफ इंडिया ।
कुतुब, चारमीनार, लाल किला ।
चमोली, चम्बा, ऊंटी, गुलबर्गा, गुलमर्ग ।
कन्याकुमारी, नैनीताल, जुहू,मरीना, शिमला की सर्द ।
अजमेर,बुंदेलखंड, अमृतसर, राँची ।
सासाराम मकबरा शेरशाह सूरी अशोक बौद्ध स्तूप सांची ।
पौ फटते प्रकृति में कलरव करते पंछी ।
हरियाली है जहाँ बिखरी ।
नीला आकाश,समंदर छवि निराली ।
बंगाल की खाड़ी, अरब सागर, हिंद महासागर लहराएं ।
यही पर बांसुरी, शहनाई ।
कृष्ण, बिस्मिल्लाह बजाए।
होली, दीवाली, ईद,क्रिसमस ।
प्रकाश पर्व, पोंगल, गणेश उत्सव।
दशहरा,नवरात्र, रोजा,व्रत ।
मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरुद्वारा ।
विविधता है कितनी फिर भी सब है एक ।
अनेकता में एकता का ये सूचक ।
रहे भरा प्यार, भाईचारा इनमे ।
हो सब एकता करे कार्य नेक ।
देवदार,चीङ, मोगरा आबनूस ।
पीपल, नीम ,आम,अशोक वृक्ष ।
ऋतुएं है भिन्न-भिन्न ।
हर एक नवा है दिन ।
गीता की वाणी,गूंजे आकाशवाणी ।
शादी की रस्म ।
अलग मेरी ये नज्म ।
तालाब मे शोभित खिले पद्म ।
मां भारती के प्रति देशभक्ति ।
अपने लहू कार कतरा-कतरा बहाएंगे ।
आए तन अपने देश की खातिर ये सौभाग्य कहां पाएँगे ।
बिस्मिल, भगत,आजाद, सुभाष,गांधी,तिलक,मालवीय,
सावरकर ।
गोखले,उद्यम सिंह, अम्बेडकर ।
मरकर भी रहेगा इनका नाम अमर ।
सुंदरवन डेल्टा, असम काजीरंगा गैण्डा ।
गिर शेर,मानस हाथी ।
है ये संजोए पर्यावरण की सौंदर्यता ।
कोणार्क सूर्य मंदिर, मदुरै मीनाक्षी।
महाराष्ट्र सिद्धि विनायक ।
काश्मीर मां वैष्णो भवानी ।
पूज्य सभी स्थल यहाँ ।
काशी,मथुरा,द्वारका ।
अयोध्या ईश्वर चरण पखानी ।
गांधर, नागर,द्रविड़, बेसर ।
अद्भूत मंदिर, मूर्ति कला ।
मधुबनी, किशनगढ चित्रकला ।
एलोरा, एलीफेण्टा ,भीम बेटका अद्भुत नमूना छटा ।
बुलर, डल,सांभर,चिल्का ।
झील ये भारत की शोभा ।
थार मरूस्थल सूखा रेत नागफनी कंटीला ।
टैगोर,सी वी रमण, हर गोविंद खुराना ।
सुब्रमण्यम चन्द्रशेखर, मदर टेरेसा।
अमर्त्य सेन,कैलास सत्यार्थी ।
विजेता नोबेल पुरस्कृत भारतीय ।
ए.आर. रहमान, श्याम बेनेगल ।
लता मंगेशकर, रफी, किशोर ।
मुकेश,आशा, महेंद्र कपूर ।
आदि मधुर आवाज से करे मंत्रमुग्ध रोम-रोम ।
इनसे परिचित जहां का हर छोर ।
संगीत से ऑस्कर तक ।
सफर ए. आर. रहमान का उज्ज्वल ।
सचिन तेंदुलकर, नीरज चोपड़ा, अभिनव बिंद्रा, पी.वी. सिन्धु, धोनी,कोहली आदि खिलाङियो की चर्चा हर ओर ।
सूर्य निकलने से डूबने तक अद्भुत छटा मां भारती का ।
विश्वविख्यात सब हो आकर्षित आते गुण गाते इस वसुधा का ।
जय भारती -जय शैलेंद्र नमन इस धरा को साष्टांग प्रणाम कर जोङ।