भारतरत्न अबुल कलाम आजाद
भारत के पहले शिक्षा मंत्री विदेशी थे क्या ? दरअसल में देश के पहले शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आज़ाद साहब का मूलनाम ‘अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन’ है, जिनका जन्म सऊदी अरब में हुआ था, उनकी माँ मक्का शहर से थी और उनके दादा ईरानी मूल के अफगानिस्तानी थे, उनके पिता 1890 में काम की तलाश में कलकत्ता (अब कोलकाता) आकर बस गए थे। कलकत्ता के मदरसे और मस्जिदों में उनकी आरंभिक शिक्षा-दीक्षा हुई।
‘आजाद’ तो अबुल कलाम का उपनाम है । वो तो ‘शायर’ और भारतीय आज़ादी के परवाने थे। वे मुस्लिम होकर ‘मुस्लिम लीग’ का पक्ष न लेकर ‘कांग्रेस’ के तो हीरो हो गए, एतदर्थ मात्र 35 वर्ष की आयु में भारतीय कांग्रेस के अध्यक्ष हो गए । देश के पहले शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आज़ाद साहब के जन्मदिवस व 11नवम्बर को भारत सरकार ‘राष्ट्रीय शिक्षा दिवस’ के रूप में मनाते आये हैं । ज्ञात हो, आईआईटी, यूजीसी और तीनों अकादमियों के मूल अवधारक वे ही थे ! भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरांत 1992 में ‘भारत रत्न’ अलंकरण से सम्मानित किया।