भाई-भाई में प्रेम…
भाई-भाई में प्रेम,
सागर से भी गहरा होता है,
एक-दूजे की खैर करना,
जीवन भर पहरा होता है ।..(१)
होता नहीं कभी बैर,
बस आपस का झगड़ा होता है,
बोले अगर कोई गैर,
भाई पहले ही बगल में खड़ा होता है ।…(२)
दुःख आने से भी पहले,
भाई के हृदय में दुःख होता है,
सुख पाने के भी पहले,
भाई-भाई को सुख दे देता है ।…(३)
भाई के संग होने पर,
जीवन में शान होती है,
भाई के अंदर भाई की जान होती है,
एक-दूजे के बिन दुनिया हैरान होती है।…(४)
बचपन हो या यौवन,
प्रेम प्रगाढ़ होता है,
जीवन के अंतिम क्षण तक,
भाई ही साथ होता है।…(५)
भाई-भाई का प्यारा होता,
छोटा भाई दुलारा होता,
भाई अगर बड़ा हो घर में ,
पिता की छांव देता तब है ।…(६)
साथ बढ़े साथ हैं खेलें ,
भाई से निकट कोई रिश्ता नहीं होता,
सुख- दुःख सब बटाँ जो सकता,
भाई कभी नहीं त्यागा जा सकता ।..(७)
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# बुद्ध प्रकाश ;मौदहा, हमीरपुर।