भविष्य की कहानी
रमेश के गांव में एक दिन राशि देखने वाले बाबा आये हुए थे (जो वर्ष में एक या दो बार माताजी के नाम से गांव से आटा या गेंहू एकत्र करते है )। जो अक्सर गांवों में लोगो की हाथों की रेखाओं को अध्ययन कर राशिफल के माध्यम से भविष्य भी बताते थे ।
रमेश ने कभी भी अपनी राशि नही दिखवाई थी । आज घर के सभी सदस्य राशि दिखवा रहे थे तो रमेश को भी बाध्य होना पड़ा ।
ज्यो रमेश ने बाबा के सामने अपना हाथ राशि दिखवाने हेतु आगे बढ़ाया । बाबाजी ने हस्त रेखाओं को देखकर भविष्यवाणी की कि, “आगे जाकर भविष्य में तुम बहुत सारे मवेशियों को चराने का कार्य करोगे, तुम्हारे भाग्य में पढ़ाई, लिखाई, नौकरी नही है” । ये सब सुनकर रमेश जोर जोर से रोने लगा । क्योंकि रमेश की रुचि पढ़ाई में अधिक थी । रमेश के मन मे वहम छा गया कि “मेरे पढ़ाई लिखाई का कोई पर्याय नही जब भविष्य में मुझे यही सब करना है ।
तब रमेश के मामाजी ने उसे समझाया कि “बेटा किसी का भविष्य हाथ की रेखाओं से तय नही होता, वरन “”कर्म से ही भविष्य तय होता है”” ।
इसी तरह रमेश और लगन से अध्ययन कार्य करने लगा और आज वह एक बैंक में मैनेजर के रूप में पदस्थ है ।
© गोविन्द उईके